भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"बात बस इतनी सी थी / रविकांत अनमोल" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
(नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=रविकांत अनमोल |संग्रह= }} <poem> वो हमारे हो न पाए बात …)
(कोई अंतर नहीं)

16:28, 29 अगस्त 2010 का अवतरण

वो हमारे हो न पाए बात बस इतनी सी थी
और हमने सारी दुनिया से किनारा कर लिया

उनकी यादें अपने सपने दफन कर डाले कहीं
और खुद को बैठे-थाले बेसहारा कर लिया