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"अब मेरे नाम की खुशी है कहीं / संकल्प शर्मा" के अवतरणों में अंतर

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नब्ज़ चलती है साँस चलती है,
 
नब्ज़ चलती है साँस चलती है,
ज़िन्दगी फ़िर भी क्यूँ थमी है कहीं।
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ज़िन्दगी फ़िर भी तू थमी है कहीं।
 
   
 
   
 
जिसकी हसरत फ़रिश्ते करते हैं,
 
जिसकी हसरत फ़रिश्ते करते हैं,
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जिस घड़ी का था इंतज़ार मुझे,
 
जिस घड़ी का था इंतज़ार मुझे,
वो घड़ी पीछे रह गई है कहीं।
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इक दिया मेरे घर मे जलता है
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और संकल्प रौशनी है कहीं
 
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20:44, 30 अगस्त 2010 के समय का अवतरण

अब मेरे नाम की ख़ुशी है कहीं,
मैं कहीं मेरी ज़िन्दगी है कहीं।
 
बात करने से ज़ख़्म जलते हैं,
आग सीने में यूँ दबी है कहीं।
 
नब्ज़ चलती है साँस चलती है,
ज़िन्दगी फ़िर भी तू थमी है कहीं।
 
जिसकी हसरत फ़रिश्ते करते हैं,
सुनते हैं ऐसा आदमी है कहीं।
 
जिस घड़ी का था इंतज़ार मुझे,
वो घड़ी पीछे रह गई है कहीं

इक दिया मेरे घर मे जलता है
और संकल्प रौशनी है कहीं