भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"दर्द से मेरा दामन भर दे या अल्लाह / क़तील" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
Lalit Kumar (चर्चा | योगदान) (New page: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=क़तील शिफ़ाई }} Category:गज़ल दर्द से मेरा दामन भर दे या अल्...) |
Bohra.sankalp (चर्चा | योगदान) |
||
पंक्ति 4: | पंक्ति 4: | ||
}} | }} | ||
[[Category:गज़ल]] | [[Category:गज़ल]] | ||
+ | <poem> | ||
+ | दर्द से मेरा दामन भर दे या अल्लाह | ||
+ | फिर चाहे दीवाना कर दे या अल्लाह | ||
− | + | मैनें तुझसे चाँद सितारे कब माँगे | |
− | + | रौशन दिल बेदार नज़र दे या अल्लाह | |
− | + | सूरज सी इक चीज़ तो हम सब देख चुके | |
− | + | सचमुच की अब कोई सहर दे या अल्लाह | |
− | + | या धरती के ज़ख़्मों पर मरहम रख दे | |
− | + | या मेरा दिल पत्थर कर दे या अल्लाह | |
− | + | </poem> | |
− | या धरती के ज़ख़्मों पर मरहम रख दे | + | |
− | या मेरा दिल पत्थर कर दे या अल्लाह < | + |
20:48, 10 सितम्बर 2010 के समय का अवतरण
दर्द से मेरा दामन भर दे या अल्लाह
फिर चाहे दीवाना कर दे या अल्लाह
मैनें तुझसे चाँद सितारे कब माँगे
रौशन दिल बेदार नज़र दे या अल्लाह
सूरज सी इक चीज़ तो हम सब देख चुके
सचमुच की अब कोई सहर दे या अल्लाह
या धरती के ज़ख़्मों पर मरहम रख दे
या मेरा दिल पत्थर कर दे या अल्लाह