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"पांव पैदल और कितनी दूर / रामकृष्ण पांडेय" के अवतरणों में अंतर
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थक गए हैं | थक गए हैं | ||
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− | पेड़-पौधे,वन- | + | पेड़-पौधे,वन-पत्तियाँ, |
नदी, सागर | नदी, सागर | ||
− | थक | + | थक गई धरती |
समय भी थक गया भरपूर | समय भी थक गया भरपूर | ||
− | नहीं कोई | + | नहीं कोई गाँव, |
− | कोई | + | कोई ठाँव,कोई छाँव |
− | थक | + | थक गई है |
− | + | ज़िंदगी बेदाँव | |
और उस पर | और उस पर | ||
धूप,गर्मी,शीत,वर्षा क्रूर | धूप,गर्मी,शीत,वर्षा क्रूर | ||
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21:00, 15 सितम्बर 2010 के समय का अवतरण
पाँव-पैदल और कितनी दूर
थक गई है देह थक कर चूर
थक गए हैं
चाँद-तारे और बादल
पेड़-पौधे,वन-पत्तियाँ,
नदी, सागर
थक गई धरती
समय भी थक गया भरपूर
नहीं कोई गाँव,
कोई ठाँव,कोई छाँव
थक गई है
ज़िंदगी बेदाँव
और उस पर
धूप,गर्मी,शीत,वर्षा क्रूर
पाँव-पैदल और कितनी दूर ...