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"सिंधु किनारे / केदारनाथ अग्रवाल" के अवतरणों में अंतर
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09:49, 28 फ़रवरी 2008 के समय का अवतरण
सूरज गया,
रात ने अपने पंख पसारे,
निकल पड़े भीतर से बाहर
नभ में तारे,
हाहाकार समय करता है
सिंधु किनारे,
शील-भंग होता लहरों का
बिना विचारे ।