भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"सुख भरे वातावरण की खोज में / सर्वत एम जमाल" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
(नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna}} रचनाकार=सर्वत एम जमाल संग्रह= …) |
(कोई अंतर नहीं)
|
12:40, 21 सितम्बर 2010 का अवतरण
रचनाकार=सर्वत एम जमाल संग्रह= }} साँचा:KKCatGazal
सुख भरे वातावरण की खोज में
लोग निकले स्वर्ण-कण की खोज में
आईने चमके तो भगदन मच गई
सब के सब थे आवरण की खोज में
पाँव उसके अब धरा पर हैं कहाँ
विश्व है जिसके चरण की खोज में
बेझिझक कह दीजिये अब दिल की बात
मत भटकिये व्याकरण की खोज में