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"सुख भरे वातावरण की खोज में / सर्वत एम जमाल" के अवतरणों में अंतर
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17:41, 21 सितम्बर 2010 के समय का अवतरण
सुख भरे वातावरण की खोज में
लोग निकले स्वर्ण-कण की खोज में
आईने चमके तो भगदन मच गई
सब के सब थे आवरण की खोज में
पाँव उसके अब धरा पर हैं कहाँ
विश्व है जिसके चरण की खोज में
बेझिझक कह दीजिये अब दिल की बात
मत भटकिये व्याकरण की खोज में