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"धूप में / लीलाधर मंडलोई" के अवतरणों में अंतर

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11:53, 29 सितम्बर 2010 के समय का अवतरण


भाग रहा है समय
जीवन छूट रहा है

इस वृक्ष की शाखाएं
टूट चुकी हैं

किस छांह में बैठूं
तनिज जी लूं

मेरी परछाई धूप में जल रही है