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"चोर / लीलाधर मंडलोई" के अवतरणों में अंतर

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14:13, 29 सितम्बर 2010 के समय का अवतरण


यह दुनिया छोड़ दी हमने
चोरों के भरोसे

क्‍योंकि चोरों को एक होने में
समय नहीं लगता

और ईमानदार कभी
एक नहीं होते