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"दोहे / निदा फ़ाज़ली" के अवतरणों में अंतर

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जीवन भर भटका किए, खुली न मन की गाँठ
 
जीवन भर भटका किए, खुली न मन की गाँठ
 
उसका रस्ता छोड़कर, देखी उसकी बाट
 
उसका रस्ता छोड़कर, देखी उसकी बाट

21:42, 30 सितम्बर 2010 का अवतरण



जीवन भर भटका किए, खुली न मन की गाँठ
उसका रस्ता छोड़कर, देखी उसकी बाट