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पेड़ से / केदारनाथ अग्रवाल

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पराक्रमी यात्री।
देख देश में
तड़पती है
देश की राजनीति
'''रचनाकाल: १७-०७-१९७७'''
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जगजीवन राम के पार्टी परित्याग पर
</poem>
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