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"ऐ हुस्न-ए-बेपरवाह तुझे शबनम कहूँ शोला कहूँ / बशीर बद्र" के अवतरणों में अंतर

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ऐ हुस्न-ए-बे-परवाह तुझे शबनम कहूँ शोला कहूँ
 
ऐ हुस्न-ए-बे-परवाह तुझे शबनम कहूँ शोला कहूँ
फूलों में भी शोख़ी तो है किसको मगर तुझ सा कहूँ
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फूलों में भी शोख़ी तो है किसको मगर तुझ-सा कहूँ
  
 
गेसू उड़े महकी फ़िज़ा जादू करें आँखे तेरी
 
गेसू उड़े महकी फ़िज़ा जादू करें आँखे तेरी
सोया हुआ मंज़र कहूँ या जागता सपना कहूँ
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सोया हुआ मंज़र<ref>दृश्य
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</ref> कहूँ या जागता सपना कहूँ
  
 
चंदा की तू है चांदनी लहरों की तू है रागिनी
 
चंदा की तू है चांदनी लहरों की तू है रागिनी
जान-ए-तमन्ना मैं तुझे क्या क्या कहूँ क्या न कहूँ
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जान-ए-तमन्ना मैं तुझे क्या- क्या कहूँ क्या न कहूँ
 
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18:00, 7 नवम्बर 2010 के समय का अवतरण

ऐ हुस्न-ए-बे-परवाह तुझे शबनम कहूँ शोला कहूँ
फूलों में भी शोख़ी तो है किसको मगर तुझ-सा कहूँ

गेसू उड़े महकी फ़िज़ा जादू करें आँखे तेरी
सोया हुआ मंज़र<ref>दृश्य

</ref> कहूँ या जागता सपना कहूँ

चंदा की तू है चांदनी लहरों की तू है रागिनी
जान-ए-तमन्ना मैं तुझे क्या- क्या कहूँ क्या न कहूँ

शब्दार्थ
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