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[[Category:मूल राजस्थानी भाषा]]
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जुवान होंवती बेटी
उणां री फब्तियां सुणै
अर फेर भी
बा' कित्ती सै'र ज रै'वै
पण
आपरै मन री पीड़ा
बा' किणी नै नीं कै'वै ।
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