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"जद हरी करै / सांवर दइया" के अवतरणों में अंतर

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<poem>बूढै बैसाख  
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बाळणजोगै जेठ री बाथा में
 
बाळणजोगै जेठ री बाथा में

22:29, 25 नवम्बर 2010 का अवतरण

बूढै बैसाख
अर
बाळणजोगै जेठ री बाथा में
बळी-तपी
हरी हूवण री हूंस दाब्यां
         सूती धरती

अंग-अंग भीजै
    बा रीझै
मुळकै-गावै
जद हरी करै सावण !