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"जद हरी करै / सांवर दइया" के अवतरणों में अंतर
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Neeraj Daiya (चर्चा | योगदान) (नया पृष्ठ: <poem>बूढै बैसाख अर बाळणजोगै जेठ री बाथा में बळी-तपी हरी हूवण री हूंस …) |
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बाळणजोगै जेठ री बाथा में | बाळणजोगै जेठ री बाथा में |
22:29, 25 नवम्बर 2010 का अवतरण
बूढै बैसाख
अर
बाळणजोगै जेठ री बाथा में
बळी-तपी
हरी हूवण री हूंस दाब्यां
सूती धरती
अंग-अंग भीजै
बा रीझै
मुळकै-गावै
जद हरी करै सावण !