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"आछा ई है / सांवर दइया" के अवतरणों में अंतर

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<poem>कांई ठाह
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कांई ठाह
 
के बांटणो है
 
के बांटणो है
 
राड़ करतो ई लाधै आदमी
 
राड़ करतो ई लाधै आदमी

22:37, 25 नवम्बर 2010 के समय का अवतरण

कांई ठाह
के बांटणो है
राड़ करतो ई लाधै आदमी
         अष्टपौर
जठै देखै
बाढै एक दूजै नै
     दूजो तीजै नै
     तीजो चौथै नै
लागै-
मरगी अपणायत
गमगी पिछाण
आछा ई है
इक्कीसवीं सदी रा ऐनाण !