भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"सांस / सांवर दइया" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
Neeraj Daiya (चर्चा | योगदान) (नया पृष्ठ: <poem>अठीनै चितराम बण बैठिया है मिनख लुगाई टाबर पण लेवै सांस ! बठीन…) |
अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) |
||
पंक्ति 1: | पंक्ति 1: | ||
− | < | + | {{KKGlobal}} |
+ | {{KKRachna | ||
+ | |रचनाकार=साँवर दइया | ||
+ | |संग्रह=हुवै रंग हजार / साँवर दइया | ||
+ | }} | ||
+ | [[Category:मूल राजस्थानी भाषा]] | ||
+ | {{KKCatKavita}} | ||
+ | <Poem> | ||
+ | अठीनै | ||
चितराम बण बैठिया है | चितराम बण बैठिया है | ||
मिनख | मिनख |
16:53, 27 नवम्बर 2010 के समय का अवतरण
अठीनै
चितराम बण बैठिया है
मिनख
लुगाई
टाबर
पण लेवै सांस !
बठीनै
परदै माथै
बोलै-बतळावै
नाचै-गावै
उछ्ळै-कूदै चितराम
पण लेवै कोनी सांस !