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"बंद हुयां पछै / सांवर दइया" के अवतरणों में अंतर
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-म्हांनै कांई ठाह ! | -म्हांनै कांई ठाह ! |
17:01, 27 नवम्बर 2010 के समय का अवतरण
बराबर आळै घर में
कुण चालतो रह्यो ?
-म्हांनै कांई ठाह !
सामलै घर में
थाळी कियां बाजी ?
-म्हांनै कांई ठाह !
होळी-दियाळी
रामां-सामां करो ?
-म्हारै कांई अड़ी है !
चढ़ती-उतरती में
सुख-दुख री पूछो ?
-म्हांनै कांई पड़ी है !
म्हैं बक्सै रा बावळा
बक्सै री दुनिया में बंद हुयां पछै
बारली दुनिया में कांई पड़ियो है !