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"पिता आप / संतोष मायामोहन" के अवतरणों में अंतर

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युगों-युगों से मेरे पिता  
 
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दूध चूंघते मेरी भाभी के स्तनों !
 
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'''अनुवाद : नीरज दइया'''
 
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05:55, 29 नवम्बर 2010 का अवतरण

पिता आप
आप ही मां जाए भाई
आप ही मेरी भाभी के घर-
बालक ।
आप स्थिर
युगों-युगों से मेरे पिता
दूध चूंघते मेरी भाभी के स्तनों !

अनुवाद : नीरज दइया