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"एक रात का खंडित स्वप्न हैं या / कुमार अनिल" के अवतरणों में अंतर
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− | एक रात का खंडित स्वप्न हैं या दिन का टूटा विश्वास हैं हम । | + | एक रात का खंडित स्वप्न हैं |
− | क्या पूछते हो क्या बतलाएँ, एक भूला हुआ इतिहास हैं हम । | + | या दिन का टूटा विश्वास हैं हम । |
− | हमें दिल से ज़रा महसूस करो, एक दर्द भरा एहसास हैं हम । | + | क्या पूछते हो क्या बतलाएँ, |
− | कभी एक समंदर थे लेकिन, अब रेगिस्तान की प्यास हैं हम । | + | एक भूला हुआ इतिहास हैं हम । |
− | + | हमें दिल से ज़रा महसूस करो, | |
+ | एक दर्द भरा एहसास हैं हम । | ||
+ | कभी एक समंदर थे लेकिन, | ||
+ | अब रेगिस्तान की प्यास हैं हम । |
18:22, 4 दिसम्बर 2010 का अवतरण
एक रात का खंडित स्वप्न हैं
या दिन का टूटा विश्वास हैं हम ।
क्या पूछते हो क्या बतलाएँ,
एक भूला हुआ इतिहास हैं हम ।
हमें दिल से ज़रा महसूस करो,
एक दर्द भरा एहसास हैं हम ।
कभी एक समंदर थे लेकिन,
अब रेगिस्तान की प्यास हैं हम ।