भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"मै तुम्हे अधिकार दूँगा / कुमार विश्वास" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
छो |
Lalit Kumar (चर्चा | योगदान) छो |
||
पंक्ति 1: | पंक्ति 1: | ||
{{KKGlobal}} | {{KKGlobal}} | ||
+ | {{KKRachna | ||
+ | |रचनाकार=कुमार विश्वास | ||
+ | }} | ||
− | + | '''कविता-संग्रह [[कोई दीवाना कहता है / कुमार विश्वास|कोई दीवाना कहता है (2007)]] से'''<br><br> | |
− | + | मैं तुम्हे अधिकार दूँगा | |
− | + | ||
− | + | ||
− | + | ||
− | + | ||
− | + | ||
− | + | ||
− | + | ||
− | + | ||
− | + | ||
− | + | ||
− | + | ||
एक अनसूंघे सुमन की गन्ध सा | एक अनसूंघे सुमन की गन्ध सा | ||
पंक्ति 20: | पंक्ति 12: | ||
मैं अपरिमित प्यार दूँगा | मैं अपरिमित प्यार दूँगा | ||
− | + | मैं तुम्हे अधिकार दूँगा | |
पंक्ति 54: | पंक्ति 46: | ||
मै तुम्हे अधिकार दूँगा | मै तुम्हे अधिकार दूँगा | ||
− | |||
− |
17:11, 3 जून 2007 का अवतरण
कविता-संग्रह कोई दीवाना कहता है (2007) से
मैं तुम्हे अधिकार दूँगा
एक अनसूंघे सुमन की गन्ध सा
मैं अपरिमित प्यार दूँगा
मैं तुम्हे अधिकार दूँगा
सत्य मेरे जानने का
गीत अपने मानने का
कुछ सजल भ्रम पालने का
मैं सबल आधार दूँगा
मैं तुम्हे अधिकार दूँगा
ईश को देती चुनौती,
वारती शत-स्वर्ण मोती
अर्चना की शुभ्र ज्योति
मैं तुम्ही पर वार दूँगा
मैं तुम्हे अधिकार दूँगा
तुम कि ज्यों भागीरथी जल
सार जीवन का कोई पल
क्षीर सागर का कमल दल
क्या अनघ उपहार दूँगा
मै तुम्हे अधिकार दूँगा