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दो शे’र२ / अली सरदार जाफ़री

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|रचनाकार=अली सरदार जाफ़री
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[[Category: शेर ]]
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'''दो शे’र'''
 
तसव्वुर अपना, अपनी आरज़ू, शौक़े-फ़ुज़ूल अपना
लब उसके, आरिज़ उसके, नक्‌हने-ज़ुल्फ़े-दराज़<ref>लम्बे केशों की सुगंध</ref> उसकी
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