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"क़त‍अ / मख़दूम मोहिउद्दीन" के अवतरणों में अंतर

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ये रक़्स, रक़्से शरर ही सही मगर ऐ दोस्त
 
ये रक़्स, रक़्से शरर ही सही मगर ऐ दोस्त
 
दिलों के साज़ पे रक़्से शरर ग़नीमत है
 
दिलों के साज़ पे रक़्से शरर ग़नीमत है

14:34, 15 जुलाई 2013 के समय का अवतरण

ये रक़्स, रक़्से शरर ही सही मगर ऐ दोस्त
दिलों के साज़ पे रक़्से शरर ग़नीमत है
क़रीब आओ ज़रा और भी क़रीब आओ
के रुह का सफ़र-ए-मुख़्तसर ग़नीमत है ।