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"पराई राहें / अज्ञेय" के अवतरणों में अंतर
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दूर सागर पार | दूर सागर पार | ||
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पर शीलवान तरुओं की | पर शीलवान तरुओं की | ||
गुरु, उदार | गुरु, उदार | ||
− | पहचानी हुई | + | पहचानी हुई छाँहें। |
::छनी हुई धूप की सुनहली कनी को बीन, | ::छनी हुई धूप की सुनहली कनी को बीन, | ||
::तिनके की लघु अनी मनके-सी बींध, गूँथ, फेरती | ::तिनके की लघु अनी मनके-सी बींध, गूँथ, फेरती | ||
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पूछ बैठी : | पूछ बैठी : | ||
कहाँ, पर कहाँ वे ममतामयी बाँहें ? | कहाँ, पर कहाँ वे ममतामयी बाँहें ? | ||
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+ | '''ब्रुसेल्स (एक कहवाघर के बाहर खड़े), 15 मई, 1960''' | ||
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11:23, 13 अगस्त 2012 के समय का अवतरण
दूर सागर पार
पराए देश की अनजानी राहें।
पर शीलवान तरुओं की
गुरु, उदार
पहचानी हुई छाँहें।
छनी हुई धूप की सुनहली कनी को बीन,
तिनके की लघु अनी मनके-सी बींध, गूँथ, फेरती
सुमिरनी,
पूछ बैठी :
कहाँ, पर कहाँ वे ममतामयी बाँहें ?
ब्रुसेल्स (एक कहवाघर के बाहर खड़े), 15 मई, 1960