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"ज़िन्दगी में तो सभी प्यार किया करते हैं / क़तील" के अवतरणों में अंतर

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ज़िन्दगी में तो सभी प्यार किया करते हैं
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तू मिला है तो ये एहसास हुआ है मुझको
मैं तो मर कर भी मेरी जान तुझे चाहूँगा <br><br>
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ये मेरी उम्र मोहब्बत के लिये थोड़ी है
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इक ज़रा सा ग़म-ए-दौराँ का भी हक़ है जिस पर
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मैनें वो साँस भी तेरे लिये रख छोड़ी है
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तुझपे हो जाऊँगा क़ुरबान तुझे चाहूँगा  
  
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अपने जज़्बात में नग़्मात रचाने के लिये  
ये मेरी उम्र मोहब्बत के लिये थोड़ी है <br>
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मैनें धड़कन की तरह दिल में बसाया है तुझे
इक ज़रा सा ग़म-ए-दौराँ का भी हक़ है जिस पर <br>
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मैं तसव्वुर भी जुदाई का भला कैसे करूँ
मैनें वो साँस भी तेरे लिये रख छोड़ी है <br>
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मैं ने क़िस्मत की लकीरों से चुराया है तुझे
तुझपे हो जाऊँगा क़ुरबान तुझे चाहूँगा <br><br>
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प्यार का बन के निगेहबान तुझे चाहूँगा  
  
अपने जज़्बात में नग़्मात रचाने के लिये <br>
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तेरी हर चाप से जलते हैं ख़यालों में चिराग़  
मैनें धड़कन की तरह दिल में बसाया है तुझे <br>
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जब भी तू आये जगाता हुआ जादू आये  
मैं तसव्वुर भी जुदाई का भला कैसे करूँ <br>
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तुझको छू लूँ तो फिर ऐ जान-ए-तमन्ना मुझको  
मैं ने क़िस्मत की लकीरों से चुराया है तुझे <br>
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देर तक अपने बदन से तेरी ख़ुश्बू आये  
प्यार का बन के निगेहबान तुझे चाहूँगा <br><br>
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तू बहारों का है उनवान तुझे चाहूँगा  
 
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तू बहारों का है उनवान तुझे चाहूँगा <br><br>
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17:49, 30 नवम्बर 2011 के समय का अवतरण

ज़िन्दगी में तो सभी प्यार किया करते हैं
मैं तो मर कर भी मेरी जान तुझे चाहूँगा

तू मिला है तो ये एहसास हुआ है मुझको
ये मेरी उम्र मोहब्बत के लिये थोड़ी है
इक ज़रा सा ग़म-ए-दौराँ का भी हक़ है जिस पर
मैनें वो साँस भी तेरे लिये रख छोड़ी है
तुझपे हो जाऊँगा क़ुरबान तुझे चाहूँगा

अपने जज़्बात में नग़्मात रचाने के लिये
मैनें धड़कन की तरह दिल में बसाया है तुझे
मैं तसव्वुर भी जुदाई का भला कैसे करूँ
मैं ने क़िस्मत की लकीरों से चुराया है तुझे
प्यार का बन के निगेहबान तुझे चाहूँगा

तेरी हर चाप से जलते हैं ख़यालों में चिराग़
जब भी तू आये जगाता हुआ जादू आये
तुझको छू लूँ तो फिर ऐ जान-ए-तमन्ना मुझको
देर तक अपने बदन से तेरी ख़ुश्बू आये
तू बहारों का है उनवान तुझे चाहूँगा