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"अभिनव कोमल सुन्दर पात / विद्यापति" के अवतरणों में अंतर

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अभिनव कोमल सुन्दर पात।<br>
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सगर कानन पहिरल पट रात।<br>
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अभिनव कोमल सुन्दर पात।
मलय-पवन डोलय बहु भांति<br>
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सगर कानन पहिरल पट रात।
अपन कुसुम रसे अपनहि माति।।<br>
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मलय-पवन डोलय बहु भांति
देखि-देखि माधव मन हुलसंत।<br>
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अपन कुसुम रसे अपनहि माति॥
बिरिन्दावन भेल बेकत बसंत।।<br>
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देखि-देखि माधव मन हुलसंत।
कोकिल बोलाम साहर भार।<br>
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बिरिन्दावन भेल बेकत बसंत॥
मदन पाओल जग नव अधिकार।।<br>
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कोकिल बोलाम साहर भार।
पाइक मधुकर कर मधु पान।<br>
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मदन पाओल जग नव अधिकार॥
भमि-भमि जोहय मानिनि-मान।।<br>
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पाइक मधुकर कर मधु पान।
दिसि-दिसि से भमि विपिन निहारि।<br>
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भमि-भमि जोहय मानिनि-मान॥
रास बुझावय मुदित मुरारि।<br>
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दिसि-दिसि से भमि विपिन निहारि।
भनइ विद्यापति ई रस गाव।<br>
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रास बुझावय मुदित मुरारि।
राधा-माधव अभिनव भाव।। <br>
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भनइ विद्यापति ई रस गाव।
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राधा-माधव अभिनव भाव॥
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07:04, 25 अगस्त 2016 के समय का अवतरण

अभिनव कोमल सुन्दर पात।
सगर कानन पहिरल पट रात।
मलय-पवन डोलय बहु भांति
अपन कुसुम रसे अपनहि माति॥
देखि-देखि माधव मन हुलसंत।
बिरिन्दावन भेल बेकत बसंत॥
कोकिल बोलाम साहर भार।
मदन पाओल जग नव अधिकार॥
पाइक मधुकर कर मधु पान।
भमि-भमि जोहय मानिनि-मान॥
दिसि-दिसि से भमि विपिन निहारि।
रास बुझावय मुदित मुरारि।
भनइ विद्यापति ई रस गाव।
राधा-माधव अभिनव भाव॥