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"छोटे से मोरे मदन गोपाल (लोरी) / बुन्देली" के अवतरणों में अंतर

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सो जा बारे वीर,<br>
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<poem>
: वीर की बलैयाँ ले जा यमुना के तीर <br>
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छोटी-छोटी गैयाँ
 +
छोटे-छोटे ग्वाल
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छोटे से मोरे मदन गोपाल
  
ताती-ताती पुड़ी बनाई <br>
+
कहाँ गईं गैयाँ, कहाँ गए ग्वाल
: ओई में डारो घी<br>
+
कहाँ गए मोरे मदन गोपाल।
पी ले मोरे बारे भइया<br>
+
: मोरो जुड़ाय जाए जी<br>
+
सो जा बारे वीर<br>
+
: बीर की बलैयाँ ले जा जमुना के तीर<br>
+
  
एक कटोरा दूध जमाओ<br>
+
हारे गईं गैयाँ, पहाड़ गए ग्वाल
: और बनाई खीर<br>
+
खेलन गए मोरे मदन गोपाल
ले ले मोरे बारे भइया<br>
+
: मोरो जुड़ाय जाए जी<br>
+
सो जा बारे बीर<br>
+
: बीर की बलैयाँ ले जा जमुना के तीर<br>
+
  
बरा पे डारो पालना<br>
+
का खाएँ गैयाँ? का खाएँ ग्वाल
: पीपर पर डारी डोर<br>
+
का खाएँ मोरे मदन गोपाल?
सो जा मोरे बारे भइया<br>
+
: मैं लाऊँ गगरिया बोर<br>
+
सो जा बारे वीर,<br>
+
: वीर की बलैयाँ ले जा यमुना के तीर<br>
+
  
छोटी-छोटी गैयाँ<br>
+
घास खाएँ गैयाँ, दूध पिएँ ग्वाल
: छोटे-छोटे ग्वाल<br>
+
माखन खाएँ मोरे मदन गोपाल।
छोटे से मोरे मदन गोपाल<br>
+
  
कहाँ गईं गैयाँ, कहाँ गए ग्वाल<br>
+
छोटी-छोटी गैयाँ
कहाँ गए मोरे मदन गोपाल ।<br>
+
छोटे-छोटे ग्वाल
हारे गईं गैयाँ, पहाड़ गए ग्वाल<br>
+
छोटे से मोरे मदन गोपाल
खेलन गए मोरे मदन गोपाल<br>
+
</poem>
 
+
का खाऎँ गैयाँ ? का खाएँ ग्वाल<br>
+
का खाएँ मोरे मदन गोपाल ?<br>
+
घास खाएँ गैयाँ, दूध पिएँ ग्वाल<br>
+
माखन खाएँ मोरे मदन गोपाल ।<br>
+
 
+
तू तो सो जा बारे वीर,<br>
+
: वीर की बलैयाँ ले जा यमुना के तीर<br>
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12:03, 19 मार्च 2014 के समय का अवतरण

   ♦   रचनाकार: अज्ञात

छोटी-छोटी गैयाँ
छोटे-छोटे ग्वाल
छोटे से मोरे मदन गोपाल

कहाँ गईं गैयाँ, कहाँ गए ग्वाल
कहाँ गए मोरे मदन गोपाल।

हारे गईं गैयाँ, पहाड़ गए ग्वाल
खेलन गए मोरे मदन गोपाल

का खाएँ गैयाँ? का खाएँ ग्वाल
का खाएँ मोरे मदन गोपाल?

घास खाएँ गैयाँ, दूध पिएँ ग्वाल
माखन खाएँ मोरे मदन गोपाल।

छोटी-छोटी गैयाँ
छोटे-छोटे ग्वाल
छोटे से मोरे मदन गोपाल