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"छेती / सत्यदीप" के अवतरणों में अंतर

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<poem>काल ही आज भी है
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काल ही आज भी है
 
चुंच ने दाना
 
चुंच ने दाना
 
बीचे मोकळी
 
बीचे मोकळी

17:20, 17 अक्टूबर 2013 के समय का अवतरण

काल ही आज भी है
चुंच ने दाना
बीचे मोकळी
 चुंच भागे
पान्ख्या फटकार
दाना साम्ही
न जोगी पून
फैंक दे और आगे
दाना चुंच री
पकड़ स्यु
पान्ख्या रो थाकनो
तपते तावड़े हांफ्नो
दाना रेसी कद ताई
सुपने रो सुवाद
छेती आज भी है
 ही काल भी
बा दाना / बा मुहडा
जिका भेलप में है
एक दूजे री
पण
खावने स्यु पेल्या
मुहडा भिन्चिजे /तनीजे
एक दूजे साम्ही
मिनक्या ज्यू
खावे नी /ढ़ोल दे
दाना चोफेर /चोगड़ दे
कुण जाणे /स्यापित है
दाना /चुंच /मुहंडा
छेती काल भी ही
आज भी है
दाना /चुंच बिचाले