Last modified on 20 अक्टूबर 2013, at 10:36

"ममता रो मिन्दर माँ / शिवराज भारतीय" के अवतरणों में अंतर

 
(इसी सदस्य द्वारा किया गया बीच का एक अवतरण नहीं दर्शाया गया)
पंक्ति 4: पंक्ति 4:
 
|संग्रह=
 
|संग्रह=
 
}}
 
}}
 +
{{KKCatRajasthaniRachna}}
 
{{KKCatKavita‎}}
 
{{KKCatKavita‎}}
{{KKVID|v=H8Kt6_mpBDc}}
+
<poem>
<Poem>
+
 
+
 
+
 
लाड कोड रो समंदर मां,
 
लाड कोड रो समंदर मां,
 
मो‘ ममता रो मिदंर मां।
 
मो‘ ममता रो मिदंर मां।
पंक्ति 26: पंक्ति 24:
 
मां री होड़ करै कुण दूजो,
 
मां री होड़ करै कुण दूजो,
 
परमेसर भी पूजै मां।  
 
परमेसर भी पूजै मां।  
 
+
</poem>
</Poem>
+

10:36, 20 अक्टूबर 2013 के समय का अवतरण

लाड कोड रो समंदर मां,
मो‘ ममता रो मिदंर मां।

चोखी-चोखी बात सुणावै,
लोरी गा‘र सुआवै मां।

मां कैयां मुंडो भर आवै,
हियै हेत सरसावै मां।

मिनख भलाई बणै डोकरो,
उणनै समझै टाबर मां।

सगळा तीरथ धाम उठै ई,
जिण घर हरखै मुळकै मां।

मां री होड़ करै कुण दूजो,
परमेसर भी पूजै मां।