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"यों तो परदे नज़र के रहे / गुलाब खंडेलवाल" के अवतरणों में अंतर
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यों तो परदे नज़र के रहे | यों तो परदे नज़र के रहे | ||
प्यार हम उनसे करके रहे | प्यार हम उनसे करके रहे | ||
− | वे न भूलेंगे वादा मगर | + | वे न भूलेंगे वादा, मगर |
उम्र भर कौन मरके रहे | उम्र भर कौन मरके रहे | ||
− | याद कर भी तो लो, | + | याद कर भी तो लो, दोस्तो! |
− | हम भी साथी | + | हम भी साथी सफ़र के रहे |
चलते-चलते कटी ज़िन्दगी | चलते-चलते कटी ज़िन्दगी | ||
− | + | फ़ासिले हाथ भर के रहे | |
कौन पत्तों में देखे, गुलाब! | कौन पत्तों में देखे, गुलाब! | ||
− | लाख तुम बन- | + | लाख तुम बन-सँवरके रहे |
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02:18, 12 अगस्त 2011 के समय का अवतरण
यों तो परदे नज़र के रहे
प्यार हम उनसे करके रहे
वे न भूलेंगे वादा, मगर
उम्र भर कौन मरके रहे
याद कर भी तो लो, दोस्तो!
हम भी साथी सफ़र के रहे
चलते-चलते कटी ज़िन्दगी
फ़ासिले हाथ भर के रहे
कौन पत्तों में देखे, गुलाब!
लाख तुम बन-सँवरके रहे