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"मेरी आँखों में जब तक नमी है / गुलाब खंडेलवाल" के अवतरणों में अंतर

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तेरी महफ़िल तभी तक जमी है
 
तेरी महफ़िल तभी तक जमी है
  
जो पराई जलन से न तडपे
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जो पराई जलन से न तड़पे
 
आदमी वह कोई आदमी है!
 
आदमी वह कोई आदमी है!
  
आज उन सुर्ख़ होंठों की फड़कन
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आज उन सुर्ख़ होँठों की फड़कन
 
एक अहम बात पर आ थमी है
 
एक अहम बात पर आ थमी है
  
 
प्यार कम तो नहीं है उधर भी  
 
प्यार कम तो नहीं है उधर भी  
देखनेवाले, तुझमें कमी है
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देखनेवाले! तुझमें कमी है
  
रंग अच्छा गुलाब आपका हो
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रंग अच्छा, गुलाब! आपका हो
 
रंग पर यह महज़ मौसमी है
 
रंग पर यह महज़ मौसमी है
 
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02:15, 12 अगस्त 2011 के समय का अवतरण


मेरी आँखों में जब तक नमी है
तेरी महफ़िल तभी तक जमी है

जो पराई जलन से न तड़पे
आदमी वह कोई आदमी है!

आज उन सुर्ख़ होँठों की फड़कन
एक अहम बात पर आ थमी है

प्यार कम तो नहीं है उधर भी
देखनेवाले! तुझमें कमी है

रंग अच्छा, गुलाब! आपका हो
रंग पर यह महज़ मौसमी है