भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"बात बनती नहीं / हनीफ़ साग़र" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
(New page: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=हनीफ़ साग़र }} Category:गज़ल बात बनती नहीं ऐसे हालात में <br> ...)
 
 
(इसी सदस्य द्वारा किया गया बीच का एक अवतरण नहीं दर्शाया गया)
पंक्ति 3: पंक्ति 3:
 
|रचनाकार=हनीफ़ साग़र
 
|रचनाकार=हनीफ़ साग़र
 
}}
 
}}
[[Category:गज़ल]]
+
{{KKCatGhazal}}
 +
<poem>
 +
बात बनती नहीं ऐसे हालात में
 +
मैं भी जज़्बात में, तुम भी जज़्बात में
  
बात बनती नहीं ऐसे हालात में <br>
+
कैसे सहता है मिलके बिछडने का ग़म
मैं भी जज़्बातमें, तुम भी जज़्बात में <br><br>
+
उससे पूछेंगे अब के मुलाक़ात में
  
कैसे सहता है मिलके बिछडने का ग़म <br>
+
मुफ़लिसी और वादा किसी यार का
उससे पूछेंगे अब के मुलाक़ात में<br><br>
+
खोटा सिक्का मिले जैसे ख़ैरात में
  
मुफ़लिसी और वादा किसी यार का<br>
+
जब भी होती है बारिश कही ख़ून की
खोटा सिक्का मिले जैसे ख़ैरात में<br><br>
+
भीगता हूं सदा मैं ही बरसात में
  
जब भी होती है बारिश कही ख़ून की<br>
+
मुझको किस्मत ने इसके सिवा क्या दिया
भीगता हूं सदा मैं ही बरसात में<br><br>
+
कुछ लकीरें बढा दी मेरे हाथ में
  
मुझको किस्मत ने इसके सिवा क्या दिया<br>
+
ज़िक्र दुनिया का था, आपको क्या हुआ
कुछ लकीरें बढा दी मेरे हाथ में<br><br>
+
आप गुम हो गए किन ख़यालात में
  
ज़िक्र दुनिया का था, आपको क्या हुआ<br>
+
दिल में उठते हुए वसवसों<ref>तरंग</ref> के सिवा
आप गुम हो गए किन ख़यालात में<br><br>
+
कौन आता है `साग़र' सियह रात में
 
+
{{KKMeaning}}
दिल में उठते हुए वसवसों के सिवा<br>
+
</poem>
कौन आता है `साग़र' सियह रात में<br><br>
+

09:00, 15 मई 2015 के समय का अवतरण

बात बनती नहीं ऐसे हालात में
मैं भी जज़्बात में, तुम भी जज़्बात में

कैसे सहता है मिलके बिछडने का ग़म
उससे पूछेंगे अब के मुलाक़ात में

मुफ़लिसी और वादा किसी यार का
खोटा सिक्का मिले जैसे ख़ैरात में

जब भी होती है बारिश कही ख़ून की
भीगता हूं सदा मैं ही बरसात में

मुझको किस्मत ने इसके सिवा क्या दिया
कुछ लकीरें बढा दी मेरे हाथ में

ज़िक्र दुनिया का था, आपको क्या हुआ
आप गुम हो गए किन ख़यालात में

दिल में उठते हुए वसवसों<ref>तरंग</ref> के सिवा
कौन आता है `साग़र' सियह रात में

शब्दार्थ
<references/>