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"इंसान कहाँ (हाइकु) / जगदीश व्योम" के अवतरणों में अंतर
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साँसों की ये मशीने | साँसों की ये मशीने | ||
इंसान कहाँ ! | इंसान कहाँ ! | ||
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+ | कुछ कम हो | ||
+ | शायद ये कुहासा | ||
+ | यही प्रत्याशा । | ||
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+ | सहम गई | ||
+ | फुदकती गौरैया | ||
+ | शुभ नहीं ये। | ||
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09:17, 4 जून 2012 के समय का अवतरण
इर्द गिर्द हैं
साँसों की ये मशीने
इंसान कहाँ !
कुछ कम हो
शायद ये कुहासा
यही प्रत्याशा ।
सहम गई
फुदकती गौरैया
शुभ नहीं ये।