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"गीतों के गॉंव / ओम निश्चल" के अवतरणों में अंतर
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बहती हुई अल्हड़ नदी | बहती हुई अल्हड़ नदी | ||
ढहते हुए यादों के कूल | ढहते हुए यादों के कूल | ||
− | चंदा के | + | चंदा के गाँव |
− | सूरज के | + | सूरज के गाँव |
− | आओ चलें तारों के | + | आओ चलें तारों के गाँव। |
पीपल के पात महुए के पात | पीपल के पात महुए के पात | ||
− | + | आँचल भरे हर पल सौगात | |
सावन झरे मोती के बूँद | सावन झरे मोती के बूँद | ||
फागुनी धूप सहलाए गात | फागुनी धूप सहलाए गात | ||
− | पीपल की | + | पीपल की छाँव |
− | निबिया की | + | निबिया की छाँव |
− | आओ चलें सुख-दुख की | + | आओ चलें सुख-दुख की छाँव। |
नदिया का जल पोखर का जल | नदिया का जल पोखर का जल | ||
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अब भी नहीं होते ओझल | अब भी नहीं होते ओझल | ||
भटकें नहीं | भटकें नहीं | ||
− | लहरों के | + | लहरों के पाँव |
आओ चलें रिश्तों की नाव। | आओ चलें रिश्तों की नाव। | ||
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09:32, 14 अगस्त 2013 के समय का अवतरण
फूलों के गाँव
फसलों के गाँव
आओ चलें गीतों के गाँव।
महके कोई रह रह के फूल
रेशम हुई राहों की धूल
बहती हुई अल्हड़ नदी
ढहते हुए यादों के कूल
चंदा के गाँव
सूरज के गाँव
आओ चलें तारों के गाँव।
पीपल के पात महुए के पात
आँचल भरे हर पल सौगात
सावन झरे मोती के बूँद
फागुनी धूप सहलाए गात
पीपल की छाँव
निबिया की छाँव
आओ चलें सुख-दुख की छाँव।
नदिया का जल पोखर का जल
मीठी छुवन हर छिन हर पल
गुज़रे हुए बासंती दिन
अब भी नहीं होते ओझल
भटकें नहीं
लहरों के पाँव
आओ चलें रिश्तों की नाव।