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"शिकार / रूपसिंह राजपुरी" के अवतरणों में अंतर
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समझ ल्यो बां रो राम निसरग्यो। | समझ ल्यो बां रो राम निसरग्यो। | ||
ऊत, कपूत घणां ई जामयां, | ऊत, कपूत घणां ई जामयां, | ||
घर-घर मैं आंगणियों भरग्यो। | घर-घर मैं आंगणियों भरग्यो। | ||
इन्दिरा जेड़ी एक ना जामी, | इन्दिरा जेड़ी एक ना जामी, | ||
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बै जामैं तो कीयां जामैं, | बै जामैं तो कीयां जामैं, | ||
अल्ट्रासाऊण्ड बां रो शिकार करग्यो। | अल्ट्रासाऊण्ड बां रो शिकार करग्यो। | ||
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09:27, 18 अक्टूबर 2013 के समय का अवतरण
बेटा-बेटी मैं फर्क करैं जका,
समझ ल्यो बां रो राम निसरग्यो।
ऊत, कपूत घणां ई जामयां,
घर-घर मैं आंगणियों भरग्यो।
इन्दिरा जेड़ी एक ना जामी,
देखो कित्ता अरसा गुजरग्यो।
बै जामैं तो कीयां जामैं,
अल्ट्रासाऊण्ड बां रो शिकार करग्यो।