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सपना
 
सपना
 
नीं राखै
 
नीं राखै

11:24, 15 अक्टूबर 2013 के समय का अवतरण

सपना
नीं राखै
परकोटां री कांण
बारै ई जलमै
पसरै,
थूं
वांनै घर में
क्यूं लावै मां
घटतौ बधतौ रैवै
आंख सूं आभै रौ
आंतरौ
कचेड़ियां करती रैवै
न्याव
भुजाळा म्है
रोड़ राखां थनै
गेडियां रै पांण
बांध देवां
बींध देवां
ठौड़-ठौड़ सूं
थूं देह धार
हर बार
गमावै माजनौ।