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"जाने वालों से / निदा फ़ाज़ली" के अवतरणों में अंतर

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जानेवालों से राब्ता रखना
 
जानेवालों से राब्ता रखना
 
 
दोस्तो, रस्मे-फातहा रखना |
 
दोस्तो, रस्मे-फातहा रखना |
 
  
 
जब किसी से कोई गिला रखना
 
जब किसी से कोई गिला रखना
 
 
सामने अपने आइना रखना |
 
सामने अपने आइना रखना |
 
  
 
घर की तामीर चाहे जैसी हो
 
घर की तामीर चाहे जैसी हो
 
 
इसमें रोने की कुछ जगह रखना |
 
इसमें रोने की कुछ जगह रखना |
 
  
 
जिस्म में फैलने लगा है शहर
 
जिस्म में फैलने लगा है शहर
 
 
अपनी तन्हाईयाँ बचा रखना |
 
अपनी तन्हाईयाँ बचा रखना |
 
  
 
मस्जिदें हैं नमाज़ियों के लिए
 
मस्जिदें हैं नमाज़ियों के लिए
 
 
अपने दिल में कहीं खुदा रखना |
 
अपने दिल में कहीं खुदा रखना |
 
  
 
मिलना-जुलना जहाँ ज़रूरी हो
 
मिलना-जुलना जहाँ ज़रूरी हो
 
 
मिलने-जुलने का हौसला रखना |
 
मिलने-जुलने का हौसला रखना |
 
  
 
उम्र करने को है पचास पार
 
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कौन है किस जगह पता रखना |
 
कौन है किस जगह पता रखना |
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19:24, 11 अक्टूबर 2020 के समय का अवतरण

जानेवालों से राब्ता रखना
दोस्तो, रस्मे-फातहा रखना |

जब किसी से कोई गिला रखना
सामने अपने आइना रखना |

घर की तामीर चाहे जैसी हो
इसमें रोने की कुछ जगह रखना |

जिस्म में फैलने लगा है शहर
अपनी तन्हाईयाँ बचा रखना |

मस्जिदें हैं नमाज़ियों के लिए
अपने दिल में कहीं खुदा रखना |

मिलना-जुलना जहाँ ज़रूरी हो
मिलने-जुलने का हौसला रखना |

उम्र करने को है पचास पार
कौन है किस जगह पता रखना |