भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"कुमारेन्‍द्र पारसनाथ सिंह / परिचय" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
 
(इसी सदस्य द्वारा किया गया बीच का एक अवतरण नहीं दर्शाया गया)
पंक्ति 1: पंक्ति 1:
'''[[कुमारेंद्र पारसनाथ सिंह|सैयद हुसैन]]'''
+
{{KKRachnakaarParichay
+
|रचनाकार=कुमारेन्‍द्र पारसनाथ सिंह
+
}}
 
+
जन्म : चौगाई, बक्सर बिहार में 4 जनवरी, 1928
==जन्म==
+
बीसवीं सदी के चर्चित कवियों में महत्वपूर्ण नाम। प्रतिबद्ध सामाजिक मूल्यों के प्रतिनिधि रचनाकार और चिंतक । काशी हिन्दू विश्वविद्यालय से एम.ए. (हिन्दी) करने के बाद बम्बई के एक कालेज में, और फिर कलकत्ता के एक स्कूल में अध्यापन। 1969 से 1990 तक पटना के अनुग्रह नारायण कालेज में हिन्दी के व्याख्याता रहे। प्रमुख पत्रिकाओं में कविताएँ विश्लेषणात्मक निबन्ध, वैचारिक लेख, संस्मरण, आदि प्रकाशित। उत्तेजक साहित्यिक बहसों में अनेक बार गंभीर शिरकत की। नब्बे के दशक में मृत्यु के बाद हिन्दी की कई पत्रिकाओं ने कुमारेन्द्र पर विशेषांक निकाले।
: 04 जनवरी 1928  
+
 
+
+
उपनाम [[कुमारेंद्र पारसनाथ सिंह]]
+
जन्म स्थान चौगाईं, बक्‍सर
+
 
==कृतियाँ ==
 
==कृतियाँ ==
[[इतिहास का संवाद / कुमारेन्‍द्र पारसनाथ सिंह]],
+
[[इतिहास का संवाद / कुमारेन्‍द्र पारसनाथ सिंह]](1979)
 
+
[[बबुरीवन / कुमारेन्‍द्र पारसनाथ सिंह]](1989)
[[बबुरीवन / कुमारेन्‍द्र पारसनाथ सिंह]],
+
[[पत्‍थरों का गीत / कुमारेन्‍द्र पारसनाथ सिंह]]  
 
+
[[पत्‍थरों का गीत / कुमारेन्‍द्र पारसनाथ सिंह]],
+
 
+
 
[[बोलो मोहन गांजू / कुमारेन्‍द्र पारसनाथ सिंह]](2008)
 
[[बोलो मोहन गांजू / कुमारेन्‍द्र पारसनाथ सिंह]](2008)
 +
[[काव्य भाषा का वाम पक्ष / कुमारेन्‍द्र पारसनाथ सिंह]](आलोचना)

07:12, 15 सितम्बर 2025 के समय का अवतरण

जन्म : चौगाई, बक्सर बिहार में 4 जनवरी, 1928 बीसवीं सदी के चर्चित कवियों में महत्वपूर्ण नाम। प्रतिबद्ध सामाजिक मूल्यों के प्रतिनिधि रचनाकार और चिंतक । काशी हिन्दू विश्वविद्यालय से एम.ए. (हिन्दी) करने के बाद बम्बई के एक कालेज में, और फिर कलकत्ता के एक स्कूल में अध्यापन। 1969 से 1990 तक पटना के अनुग्रह नारायण कालेज में हिन्दी के व्याख्याता रहे। प्रमुख पत्रिकाओं में कविताएँ विश्लेषणात्मक निबन्ध, वैचारिक लेख, संस्मरण, आदि प्रकाशित। उत्तेजक साहित्यिक बहसों में अनेक बार गंभीर शिरकत की। नब्बे के दशक में मृत्यु के बाद हिन्दी की कई पत्रिकाओं ने कुमारेन्द्र पर विशेषांक निकाले।

कृतियाँ

इतिहास का संवाद / कुमारेन्‍द्र पारसनाथ सिंह(1979) बबुरीवन / कुमारेन्‍द्र पारसनाथ सिंह(1989) पत्‍थरों का गीत / कुमारेन्‍द्र पारसनाथ सिंह बोलो मोहन गांजू / कुमारेन्‍द्र पारसनाथ सिंह(2008) काव्य भाषा का वाम पक्ष / कुमारेन्‍द्र पारसनाथ सिंह(आलोचना)