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"बनियों ने समाजवाद को जोखा है / शमशेर बहादुर सिंह" के अवतरणों में अंतर
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गहरा सौदा है काल भी चोखा है | गहरा सौदा है काल भी चोखा है | ||
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कैसा साम्राज्यवाद का धोखा है ! | कैसा साम्राज्यवाद का धोखा है ! |
10:45, 30 सितम्बर 2007 के समय का अवतरण
बनियों ने समाजवाद को जोखा है
गहरा सौदा है काल भी चोखा है
दुकानें नई खुली हैं आज़ादी की
कैसा साम्राज्यवाद का धोखा है !