भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"मिला जुला सपना / विपिन चौधरी" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=विपिन चौधरी }} {{KKCatKavita}} <poem> एक जीवन आसपा...' के साथ नया पन्ना बनाया) |
अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) |
||
पंक्ति 12: | पंक्ति 12: | ||
एक करवट नींद | एक करवट नींद | ||
एक करवट बेचैनी । | एक करवट बेचैनी । | ||
− | + | ख़ामोश इंतज़ार | |
बतकही यादें। | बतकही यादें। | ||
17:25, 1 जून 2012 के समय का अवतरण
एक जीवन आसपास
दर्जनों जीवन उदास
हज़ारों अनगढ़ आस ।
दूर मंज़िल
बेहद क़रीब सपनें
एक करवट नींद
एक करवट बेचैनी ।
ख़ामोश इंतज़ार
बतकही यादें।
एक ज़मीन आसपास
गिलहरी आहट से बचती हुई
पतंग अपना आकाश रचती हुई
तितिलयाँ बेशुमार रंगों में डूबी हुईं ।
आकाश के आकर्षण में बँधी ।
आकाश ने अपना लिए सपने
धरा के हिस्से आए बीज
आकाश ने रोपे सपने
धरा ने रोपे बीज
यूँ मिला-जुला सपना फला-फूला ।