भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"मिला जुला सपना / विपिन चौधरी" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=विपिन चौधरी }} {{KKCatKavita}} <poem> एक जीवन आसपा...' के साथ नया पन्ना बनाया)
 
 
पंक्ति 12: पंक्ति 12:
 
एक करवट नींद
 
एक करवट नींद
 
एक करवट बेचैनी ।
 
एक करवट बेचैनी ।
खामोश इंतज़ार
+
ख़ामोश इंतज़ार
 
बतकही यादें।  
 
बतकही यादें।  
  

17:25, 1 जून 2012 के समय का अवतरण

एक जीवन आसपास
दर्जनों जीवन उदास
हज़ारों अनगढ़ आस ।
दूर मंज़िल
बेहद क़रीब सपनें
एक करवट नींद
एक करवट बेचैनी ।
ख़ामोश इंतज़ार
बतकही यादें।

एक ज़मीन आसपास
गिलहरी आहट से बचती हुई
पतंग अपना आकाश रचती हुई
तितिलयाँ बेशुमार रंगों में डूबी हुईं ।
आकाश के आकर्षण में बँधी ।
आकाश ने अपना लिए सपने
धरा के हिस्से आए बीज
आकाश ने रोपे सपने
धरा ने रोपे बीज

यूँ मिला-जुला सपना फला-फूला ।