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"बेटियाँ / कुँअर बेचैन" के अवतरणों में अंतर

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बेटियाँ-
 
बेटियाँ-
 
 
शीतल हवाएँ हैं  
 
शीतल हवाएँ हैं  
 
 
जो पिता के घर बहुत दिन तक नहीं रहतीं
 
जो पिता के घर बहुत दिन तक नहीं रहतीं
 
 
ये तरल जल की परातें हैं
 
ये तरल जल की परातें हैं
 
 
लाज़ की उज़ली कनातें हैं
 
लाज़ की उज़ली कनातें हैं
 
 
है पिता का घर हृदय-जैसा
 
है पिता का घर हृदय-जैसा
 
 
ये हृदय की स्वच्छ बातें हैं
 
ये हृदय की स्वच्छ बातें हैं
  
 
बेटियाँ -
 
बेटियाँ -
 
 
पवन-ऋचाएँ हैं
 
पवन-ऋचाएँ हैं
 
 
बात जो दिल की, कभी खुलकर नहीं कहतीं
 
बात जो दिल की, कभी खुलकर नहीं कहतीं
 
 
हैं चपलता तरल पारे की
 
हैं चपलता तरल पारे की
 
 
और दृढता ध्रुव-सितारे की
 
और दृढता ध्रुव-सितारे की
 
 
कुछ दिनों इस पार हैं लेकिन
 
कुछ दिनों इस पार हैं लेकिन
 
 
नाव हैं ये उस किनारे की
 
नाव हैं ये उस किनारे की
  
 
बेटियाँ-
 
बेटियाँ-
 
 
ऐसी घटाएँ हैं  
 
ऐसी घटाएँ हैं  
 
 
जो छलकती हैं, नदी बनकर नहीं बहतीं
 
जो छलकती हैं, नदी बनकर नहीं बहतीं
  
  
 
'''''-- यह कविता [[Dr.Bhawna Kunwar]] द्वारा कविता कोश में डाली गयी है।<br><br>'''''
 
'''''-- यह कविता [[Dr.Bhawna Kunwar]] द्वारा कविता कोश में डाली गयी है।<br><br>'''''

09:34, 1 जुलाई 2013 के समय का अवतरण

बेटियाँ-
शीतल हवाएँ हैं
जो पिता के घर बहुत दिन तक नहीं रहतीं
ये तरल जल की परातें हैं
लाज़ की उज़ली कनातें हैं
है पिता का घर हृदय-जैसा
ये हृदय की स्वच्छ बातें हैं

बेटियाँ -
पवन-ऋचाएँ हैं
बात जो दिल की, कभी खुलकर नहीं कहतीं
हैं चपलता तरल पारे की
और दृढता ध्रुव-सितारे की
कुछ दिनों इस पार हैं लेकिन
नाव हैं ये उस किनारे की

बेटियाँ-
ऐसी घटाएँ हैं
जो छलकती हैं, नदी बनकर नहीं बहतीं


-- यह कविता Dr.Bhawna Kunwar द्वारा कविता कोश में डाली गयी है।