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"भोर ही न्योति गई ती / बेनी" के अवतरणों में अंतर
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− | आवै हँसी मोहिं देखत लालन,भाल में दीन्ही महावर घोरी | + | आवै हँसी मोहिं देखत लालन,भाल में दीन्ही महावर घोरी |
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22:10, 26 फ़रवरी 2021 के समय का अवतरण
भोर ही न्योति गई ती तुम्हें वह गोकुल गाँव की ग्वालिनी गोरी
अधिक राति लौं बेनी प्रवीन कहा ढिग राखी करी बरजोरी
आवै हँसी मोहिं देखत लालन,भाल में दीन्ही महावर घोरी
एते बड़े ब्रजमंडल में न मिली कहूँ माँगेन्हु रंचक रोरी