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"सब का अपना आकाश / त्रिलोचन" के अवतरणों में अंतर
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शरद का यह नीला आकाश | शरद का यह नीला आकाश |
12:43, 17 अप्रैल 2013 के समय का अवतरण
शरद का यह नीला आकाश
हुआ सब का अपना आकाश
ढ़ली दुपहर, हो गया अनूप
धूप का सोने का सा रूप
पेड़ की डालों पर कुछ देर
हवा करती है दोल विलास
भरी है पारिजात की डाल
नई कलियों से मालामाल
कर रही बेला को संकेत
जगत में जीवन हास हुलास
चोंच से चोंच ग्रीव से ग्रीव
मिला कर, हो कर सुखी अतीव
छोड़कर छाया युगल कपोत
उड़ चले लिये हुए विश्वास