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"छीप पर रहओ नचैत / यात्री" के अवतरणों में अंतर
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छीप पर रहओ नचैत | छीप पर रहओ नचैत | ||
− | कनकाभ शिखा | + | कनकाभ शिखा |
उगिलैत रहओ स्निग्ध बाती | उगिलैत रहओ स्निग्ध बाती | ||
− | भरि | + | भरि राति मृदु - मृदु तरल ज्योति |
− | नाचथु शलभ-समाज | + | नाचथु शलभ - समाज |
− | उत्तेजित आबथु | + | उत्तेजित आबथु जाथु |
− | होएत हमर अंगराग | + | होएत हमर अंगराग हुतात्मक भस्म |
− | सगौरव | + | सगौरव सुप्रतिष्ठ हरितहि हम रहबे |
− | + | दीअटिक जड़िसँ के करत बेदखल हमरा | |
− | + | ने जानि, कहिआ, कोन युगमेँ | |
− | ने जानि, | + | भेटल छल वरदान |
− | भेटल छल वरदान | + | आकल्प हम रहल बइसल दीप देवताक कोर मेँ |
− | + | ||
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17:48, 16 जुलाई 2014 के समय का अवतरण
छीप पर रहओ नचैत
कनकाभ शिखा
उगिलैत रहओ स्निग्ध बाती
भरि राति मृदु - मृदु तरल ज्योति
नाचथु शलभ - समाज
उत्तेजित आबथु जाथु
होएत हमर अंगराग हुतात्मक भस्म
सगौरव सुप्रतिष्ठ हरितहि हम रहबे
दीअटिक जड़िसँ के करत बेदखल हमरा
ने जानि, कहिआ, कोन युगमेँ
भेटल छल वरदान
आकल्प हम रहल बइसल दीप देवताक कोर मेँ