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"कविता की नई हैंडबुक / मार्क स्ट्रैंड / सिद्धेश्वर सिंह" के अवतरणों में अंतर

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अगर कोई शख्स कविता पर होता है लगातार क्रुद्ध
 
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तो उससे घृणा करेंगी स्त्रियाँ।
 
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अगर कोई शख्स खुलेआम करेगा
 
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अगर कोई शख्स अपनी कविताओं को ले कर हाँकेगा डींग
 
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और मूर्खों को करेगा प्यार
 
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तो वह लिख न सकेगा कुछ खास।
 
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आकृष्ट करने की करेगा लालसा
 
आकृष्ट करने की करेगा लालसा
तो वह होगा चाँदनी रात में चमकते उल्लू की मानिन्द।
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तो वह होगा चाँदनी रात में  
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अगर कोई शख्स लिखता है कविता और
 
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साथी की कविताओं पर देता है दाद
 
साथी की कविताओं पर देता है दाद
 
उसे मिलेगी एक खूबसूरत प्रेयसी।
 
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अगर कोई शख्स लिखता है कविता और
 
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साथी की कविताओं पर देता है दाद लगातार
 
साथी की कविताओं पर देता है दाद लगातार
 
तो उसे अपनी प्रेयसी को सैर कराने की होगी खुली छूटा।
 
तो उसे अपनी प्रेयसी को सैर कराने की होगी खुली छूटा।

17:38, 26 जून 2013 के समय का अवतरण

अगर कोई शख्स समझने लगा है कविता को
तो समझ लो, उस पर आयद होने वाली हैं मुसीबतें।

अगर कोई शख्स रहने लगा है एक कविता के संग
तो वह मरेगा निपट अकेला।

अगर कोई शख्स रहने लगा है दो कविताओं के संग
तो वह करेगा बेवफाई किसी के साथ।

अगर कोई शख्स गर्भस्थ करता है एक कविता को
तो उसका एक बच्चा होगा कम।

अगर कोई शख्स गर्भस्थ करता है दो कविताओं को
तो उसके दो बच्चे होंगे कम।

अगर कोई शख्स लिखते समय धारण करता है मुकुट
तो उसकी होगी पहचान अगले वक्तों में।

अगर कोई शख्स लिखते समय धारण नहीं करता है मुकुट
तो वह धोखा देगा स्वयं को ही।

अगर कोई शख्स कविता पर होता है क्रुद्ध
तो उससे घॄणा करेंगे पुरुष।

अगर कोई शख्स कविता पर होता है लगातार क्रुद्ध
तो उससे घृणा करेंगी स्त्रियाँ।
अगर कोई शख्स खुलेआम करेगा

कविता पर दोषारोपण
तो उसके जूतों में भर जाएगी पेशाब।

अगर कोई शख्स ताकत के लिए बिसार देगा कविता को
तो उसके पास आ जाएगी बेहिसाब ताकत।

अगर कोई शख्स अपनी कविताओं को लेकर हाँकेगा डींग
तो उससे प्रेम करगी मूर्ख-मंडली।

अगर कोई शख्स अपनी कविताओं को ले कर हाँकेगा डींग
और मूर्खों को करेगा प्यार
तो वह लिख न सकेगा कुछ खास।

अगर कोई शख्स कविताओं से ध्यान

आकृष्ट करने की करेगा लालसा
तो वह होगा चाँदनी रात में
चमकते उल्लू की मानिन्द।

अगर कोई शख्स लिखता है कविता और
साथी की कविताओं पर देता है दाद
उसे मिलेगी एक खूबसूरत प्रेयसी।

अगर कोई शख्स लिखता है कविता और
साथी की कविताओं पर देता है दाद लगातार
तो उसे अपनी प्रेयसी को सैर कराने की होगी खुली छूटा।

अगर कोई शख्स दूसरों की कविताओं को बताएगा अपनी
तो उसका दिल सूज कर हो जाएगा दुगने आकार का।

अगर कोई शख्स अपनी कविताओं को छोड़ देगा निर्वसन
तो उसको डर सताएगा मौत का।

अगर किसी शख्स को डर सताएगा मौत का
तो उसे बचाएँगी कविताएँ।

अगर किसी शख्स को डर नहीं सताएगा मौत का
तो उसे बचा सकती है या नहीं भी बचा सकती हैं कविताएँ।

अगर कोई शख्स पूरी करता है एक कविता
तो भावावेग से भीगे जागरण में नहाई होगी उसकी नींद
और एक कोरा सफेद कागज दे रहा होगा चुम्बन।