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"अहेरी / अचल वाजपेयी" के अवतरणों में अंतर

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मैंने भोर की धूप को
 
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कुछ पल देखा
 
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मेरे अन्तर्मन
 
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न जाने क्यों तुम में
 
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एक अहेरी प्रभाव रहता है
 
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00:00, 1 नवम्बर 2009 के समय का अवतरण

मैंने भोर की धूप को
कुछ पल देखा
फिर उसके गुलाब झर गए
आसावरी थम गई

मेरे अन्तर्मन
न जाने क्यों तुम में
एक अहेरी प्रभाव रहता है