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"सुआ गीत-1 / छत्तीसगढ़ी" के अवतरणों में अंतर

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''सुआ गीत हमेशा एक ही बोल से शुरु होता है और वह बोल हैं'' -
 
''सुआ गीत हमेशा एक ही बोल से शुरु होता है और वह बोल हैं'' -
  
 
'''तरी नरी नहा नरी नहा नरी ना ना रे सुअना'''
 
'''तरी नरी नहा नरी नहा नरी ना ना रे सुअना'''
 
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और गीत के बीच-बीच में ये दुहराई जाती हैं। गीत की गति तालियों के साथ आगे बढ़ती है।
 
और गीत के बीच-बीच में ये दुहराई जाती हैं। गीत की गति तालियों के साथ आगे बढ़ती है।
  

15:04, 22 अक्टूबर 2013 के समय का अवतरण

   ♦   रचनाकार: अज्ञात

सुआ गीत हमेशा एक ही बोल से शुरु होता है और वह बोल हैं -

तरी नरी नहा नरी नहा नरी ना ना रे सुअना

और गीत के बीच-बीच में ये दुहराई जाती हैं। गीत की गति तालियों के साथ आगे बढ़ती है।

तरी नरी नहा नरी नहा नरी ना ना रे सुअना
कइसे के बन गे वो ह निरमोही
रे सुअना
कोन बैरी राखे बिलमाय
चोंगी अस झोइला में जर- झर गेंव
रे सुअना
मन के लहर लहराय
देवारी के दिया म बरि-बरि जाहंव
रे सुअना
बाती संग जाहंव लपटाय