भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"आँधी आ रही है / गोपालदास "नीरज"" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
Gayatri Gupta (चर्चा | योगदान) ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=गोपालदास "नीरज" |अनुवादक= |संग्रह=ग...' के साथ नया पन्ना बनाया) |
Sharda suman (चर्चा | योगदान) |
||
पंक्ति 7: | पंक्ति 7: | ||
{{KKCatGeet}} | {{KKCatGeet}} | ||
<poem> | <poem> | ||
− | |||
आज आँधी आ रही है! | आज आँधी आ रही है! | ||
पंक्ति 24: | पंक्ति 23: | ||
वायु इतनी आ रही, पर प्राण-वायु जा रही है! | वायु इतनी आ रही, पर प्राण-वायु जा रही है! | ||
आज आँधी आ रही है! | आज आँधी आ रही है! | ||
− | |||
− | |||
</poem> | </poem> |
11:27, 6 मार्च 2014 के समय का अवतरण
आज आँधी आ रही है!
पथिक ने जो छोड़ दी थी,
आग बुझने जा रही थी,
पर सुलग कर फ़िर वही अब विश्व-विपिन जला रही!
आज आँधी आ रही!
जा रहे खग, पशु घरों को
किन्तु मैं जाऊँ कहाँ को,
जब कि मेरे हृदय ही में हाय, यह मंडरा रही है!
आज आँधी आ रही है!
काँपते हैं प्राण दुर्बल
हो रही है घोर हलचल,
वायु इतनी आ रही, पर प्राण-वायु जा रही है!
आज आँधी आ रही है!