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"भागवत भगवान की है आरती / आरती" के अवतरणों में अंतर

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12:09, 30 मई 2014 के समय का अवतरण

अष्टक   ♦   आरतियाँ   ♦   चालीसा   ♦   भजन   ♦   प्रार्थनाएँ   ♦   श्लोक

भागवत भगवान की है आरती
पापियों को पाप से है तारती॥

यह अमर ग्रंथ
यह मुक्ति पंथ
सन्मार्ग दिखाने वाला
बिगड़ी को बनाने वाला॥

यह सुख करनी
यह दुख हरनी
जगमंगल की है आरती
पापियों को पाप से है तारती॥