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"असीं एथे ते ढोला छाओनी (ढोला) / पंजाबी" के अवतरणों में अंतर
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अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) (New page: {{KKGlobal}} {{ KKLokRachna |रचनाकार }} असीं एथे ते ढोला छाओनी एहनाँ अक्खीयाँ दी सड़क बनाओ...) |
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+ | असीं इथ्थे ते ढोला छाओनी | ||
एहनाँ अक्खीयाँ दी सड़क बनाओनी | एहनाँ अक्खीयाँ दी सड़क बनाओनी | ||
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चन्न माही आवना | चन्न माही आवना | ||
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जीवें ढोला ! | जीवें ढोला ! | ||
− | + | अंब डलियाँ-- | |
− | + | ||
− | + | ||
जित्थे खिलारिया ई उत्थे खलीआँ ! | जित्थे खिलारिया ई उत्थे खलीआँ ! | ||
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'''भावार्थ''' | '''भावार्थ''' | ||
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--'हम यहाँ हैं और ढोला छावनी में है | --'हम यहाँ हैं और ढोला छावनी में है | ||
− | + | इन आँखों को सड़क बनानी है | |
− | इन आँखों को सड़क | + | |
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चांद-सा प्रियतम आएगा | चांद-सा प्रियतम आएगा | ||
− | |||
जीते रहो ढोला ! | जीते रहो ढोला ! | ||
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आम की फाँकें | आम की फाँकें | ||
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जहाँ तुमने मुझे खड़ी होने को कहा था, वहीं खड़ी हूँ !' | जहाँ तुमने मुझे खड़ी होने को कहा था, वहीं खड़ी हूँ !' | ||
+ | </poem> |
04:24, 26 फ़रवरी 2010 के समय का अवतरण
♦ रचनाकार: अज्ञात
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असीं इथ्थे ते ढोला छाओनी
एहनाँ अक्खीयाँ दी सड़क बनाओनी
चन्न माही आवना
जीवें ढोला !
अंब डलियाँ--
जित्थे खिलारिया ई उत्थे खलीआँ !
भावार्थ
--'हम यहाँ हैं और ढोला छावनी में है
इन आँखों को सड़क बनानी है
चांद-सा प्रियतम आएगा
जीते रहो ढोला !
आम की फाँकें
जहाँ तुमने मुझे खड़ी होने को कहा था, वहीं खड़ी हूँ !'