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"सुला चुकी थी ये दुनिया थपक थपक के मुझे / राहत इन्दौरी" के अवतरणों में अंतर

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बहुत सी नज़रें हमारी तरफ हैं महफ़िल में
 
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इशारा कर दिया उसने ज़रा सरक के मुझे
 
इशारा कर दिया उसने ज़रा सरक के मुझे
  

21:11, 3 जून 2014 के समय का अवतरण

सुला चुकी थी ये दुनिया थपक थपक के मुझे
जगा दिया तेरी पाज़ेब ने खनक के मुझे

कोई बताये के मैं इसका क्या इलाज करूँ
परेशां करता है ये दिल धड़क धड़क के मुझे

ताल्लुकात में कैसे दरार पड़ती है
दिखा दिया किसी कमज़र्फ ने छलक के मुझे

हमें खुद अपने सितारे तलाशने होंगे
ये एक जुगनू ने समझा दिया चमक के मुझे

बहुत सी नज़रें हमारी तरफ हैं महफ़िल में
इशारा कर दिया उसने ज़रा सरक के मुझे

मैं देर रात गए जब भी घर पहुँचता हूँ
वो देखती है बहुत छान के फटक के मुझे